जय वीरबंका वस्ता बापू

🙏 जरुर वांचजो भाइयो 🙏

🙏 जय माताजी 🙏

🙏 जय वीरबंका वस्ता बापू 🙏

ऐ समये जुनागढ उपर बाबी नवाब शेरखान नी सता हती राज मा हकु जमादार मकराणी नि हांक पड़े.
हकु सता ना हद मा जय गामडा नी प्रजा ने रंजाड़े, बाबी नवाब तो जुनागढ ना रंगमहेल मा बेसी सोरठ ना नवाब साहेब नवाबी माणे, त्यारे हकु जमादार गामडाओमा पोतानी हाकमसाही पाथरी गामडाओमा नवाबी भोगवता पोतानी हाकेमसाही नी आण वर्तावे.
एक समये कनडा डुंगर नी पछीते आवेल महिया दरबारों ना गाम अजाब अने प्रांशली  मा जय पोतानो दमाम छोड्यो.  गाम ना महिया गिरसदार खेडूतो ने वेठिया समजी वेठ करवा फरज पाड़ता महिया दरबारों छंछेडाया  हकु जमादार ने  गाम माथी काढी मुक्यो. आजु बाजु ना गामडा ना पटेलिया प्रांशल़ी आवी मुलुभाई बाबरीया दरबार ने हकु जमादार ना त्रास माथी छोड़ाववा विनंती करता मुलुभाई बाबरीया दरबार पटेेलियाओ ने साथै जुनागढ जय बाबी शेरखान नवाब साहेब साथै मली हकु जमादार ना त्रास वर्तावानी विगत आपी दाद मांगी बाबी नवाब ने पण सीमा वधारवानी महिया दरबारों नी जरुर हती.
पोताना अब्बाजान बाबी बहादुरखान ने आरब मुखासन नी केदमाथी छोड़ावता महिया दरबारों नी शहादतो पर आफरीन थता बाबी शेरखान नवाबे जमादार हकु मकराणी ने राज नी चाकरी माथी छुटो करी दई तेने जिवाई मा आपेल जमीन खालसा करी.
जिवाई मा मणेल जमीन साथे राज नी नोकरी छुटी जता हकु जमादार नो पावर परवारी गयो. गाम मा निकळता ठेर ठेर लोको नी भराती सलामो सुकाई गई. लोको ना मलता आवकार ने बदले लोको हकु मकराणी सामे जोता पण नहीं. राज नी चाकरी जता आवक बंध थई. खेती नी उपज पण जती रहेता हकु मकराणी जमादार उश्केरायो अने एक टोळी जमावी बहारवटे चडीयो.
प्रांशली गाम मा मुलुभाई बाबरीया दरबार नो मोटो गीरास हतो ऐटले ऐनी माताबरताऐ ऐने गाम ना मुखी बनावेला, मुलुभाई बाबरीया महियाने वस्ताभाई नामे दीकरो, वस्ताभाई  किशोरावस्था वणोटी जुवानी ने उम्बरे उभा मुछोना दोरा फुटया. मुलुभाई बाबरीया महिया नु मातबर घर  ऐटले दीकरा वस्ता नी सगाई करवा दिकरियो ना माँबापो नी नजर वस्ताभाई उपर मंडावा लागी.अने सगपण कहेण आववा लाग्या.
मुलुभाई उपर सगा व्हाला  वडीलो ना  दबाण उतर्या ऐटले कालवाणी ना करशनभाई दयात्तर दरबार नी सुकन्या राजुल साथे वस्ताभाई ना संसार भावी घडवा तेमनु श्रीफल वधावी लई वस्ताभाई नु सगपण कर्यु. अने राजले सौभाग्य ना प्रथम सिंदूर पूरी चुंदडी ओढ़ी, सखी सहेलिओए मिठा मोढ़ा करता राजल पारकू धन बनी हवे एमने छोड़ी दई बेन सासरे जशे कहेता विरह ना आंशु सार्या.
वरस वित्यु अने वैशाखी वायरा वाया अने राजल बेन ना कालवाणी माथी अंजळ उठया होय तेम लगन लखाणा,गोर महाराजे आंगणे आवी सौने चांदला करी स्वस्ति वांचन करी लग्न पत्रिका ना वांचन कर्या अने गोरबापा करशनभाई दयातर ना घरे थी सौना पाँखणा जिली लग्न पत्रिका लई प्रांशली मुलुभाई नी डेलीऐ आव्या. महियाणी ना वृंदो उभराया मंगल गीतों गाता गोरबापा ने चोखा थी वधावी लग्न वधाव्या अने गोरबापा ने डेली मा आशन आपी बेसाडया. गाम माथी महिया कुटुम्बो भेगा थया. अने गोरबापा ऐ पोताना खेस माथी लग्न पत्रिका काढी मुलुभाई ना हाथ मा आपी. बधा सगा व्हाला ऐ लग्न पत्रिका ने हाथ लगाडी वधावी मान्यता आपी गोरबापा ने सीख दक्षिणा आपी विदाई कर्या.
गाम मा वात फेलाई वस्ताभाई ना लग्न वधाव्या. गाम ना पटेलियाओ मुलुभाई बापु नी डेलीऐ हरख करवा उभरावा लाग्या. आनंद व्यक्त करवा आवता पटेलिया अने गाम लोको ने केशरिया दूध ना कटोरा पिरसी सौना स्वागत सन्मानो थता रहया.
बाबरीया महिया कुळ ना कपाळ गोर ने तेडावी लग्न नी कन्कोत्रीओ लखावी अने मंडप रोपाण करावी वस्ताभाई ने कांडे लग्न ना मींधोळ बांध्या. वस्ताभाई लगनिया बनता प्रांशली गाम मा घरोघर खारेक वन्हेचायी अने मुलु दरबार नी डेलीऐ मंगल गीतों गाता वरराजा ने वधावा लाग्या. लग्न ने त्रण मीती बाकी रही ऐटले वरराजा ना फुलेका फरवा लाग्या. वरणागीमा घेर घेर थी पस भरावी वरराजा ने घरोघर स्त्रिओ वधावे छे. फुलेकू गाम मा फरे छे. वरराजा नी आगळ गामना आगेवानो साथे मुलुबापू जोडायेला छे. शरणाई ना सुरो वच्चे ढोल धडुके छे.ढोली ढोल पर दांडी पिटिने लोंठ उघरावे छे.आम प्रांशली गाम आनंद विभोर बन्यु.
सूरज नारायण आथमणि दिशा मा वांका वळी ढळवानी तैयारी करे छे. हमणा गणतरी ना धण गाममा आवता सुकन करसे ऐवा मनोमन मणमणता लोको ऐ गाम झांपे रिडियारमण थता सांभळीया. गोवालो पड्कार करता गाम लोको ने वहार करवा बोलावे छे. वस्ताभाई बाबरीया नु फुलेकु त्यांज थम्भी गयु. हाथ मा आव्यु ते हथीयार लाकडियो खपारियो लई लोको गाम झांपे दोड़ता लोही निगळता गोवाळ फरीयाद करे छे के, मकराणी गायु नु धण वाळी नोंजणवाव ना मार्गे जाय छे. गाम लोको साथे मुलूभाई बाबरिया दरबार हकु मकराणी ने जेर करवा जणावेल मार्ग कापे छे दोडता जता  मुलु दरबार अने गाम लोको धूळ नी डमरियो उडाडता बहारवटिया गायो ना धण ने भगाडी जता जोया दोडता जता लोको ने बहारवटिया हाथ वेंत ना छेटे दोडता होवाना भास थाय छे.
वरराजा वस्ताभाई ने शुर चढ्या. गाम नी गायो मकराणी हाकी जाय अने महियो जुवान लग्न माणे ? तो महियाओनी जनेता ना दूध लाजी मरे. महिया नी वीरता मरी खुंटसे. क्षत्रियोना क्षात्रतेज झांखा पडसे. मनोमन वस्ताभाई ऐ घोडाने ऐडी मारी लगाम फेरवी. घोडो पवन वेगी रेवाल चाले उपड्यो.  वरराजा पासे रोकयेला पन्द्रेक महिया जुवानो अने गाम लोको ऐ वरराजा ने रोकवा घोडी ने पकड़ी राखी पण जातवंत अश्व एडी नी इसारते उछळी गाम झांपो  वटावी लग्न ना कुलेश ना घोडाने बदले घोडीनो उपयोग थाय छे. आगळ वधता नोंजणवाव ना मार्गे पवन वेगी घोडी गाम लोको ना जता टोडा मा मार्ग करती आगळ वधता मुलू बापू अने गाम लोको वरराजा वस्ताभाई ने हांकला पडकारा करता रूकावट करे छे. वस्ता पाछा वरो तमे मींधोळ बांध्या छे, पाछा वरो.
आगळ घोडो दोडावता वरराजा वस्ताभाई जवाब वारे छे के, मींधोळ तो मुक्ति ना बांध्या छे. धरम नी गाय माता लूंटाय ने महियो मायरे चडे तेदी महियाओनी शूरवीरता मरी परवारसे, कहेता आगळ वधता म्यानमाथी तलवार बहार काढी आँखे अडाडी जय माँ खोडल तारु खडग तुज फेरवजे, जय नागबाई माँ कहेता नी साथे गायो ने मारता बहारवटिया नी टोली ना त्रणेय जुवानो नी गरदन ने तलवार ना एक ज झांटके धड परथी माथा उतारी धरती पर ढाळी दिधा. गायो ना धण नी मोखरे घोडा पर जता हकू मकराणी बहारवटिया आवता अवाज पर पाछळ नजर नोंधी घोडा नी एडी दबावी वस्ता पासे आवता तलवार ऊंची करी एक ज झांटके मींधोळ बंधा नु माथु उतारी धरती पर गबडावी दिधु.
वरराजा ने आगळ जता मुलुबापू अने गाम लोको उतावळी चाले सौ दोडता वरराजा पासे पंहोची जता मकराणी बहारवटियो भेरुओने गायो छोडी नासी जवानी इसारत करता मनोमन बबडतो आगळ वधे छे, के बाबरीया ते मारी रोजी रोटी तोडावी तो मे तारी रोटी नो रळनारो तोडीने वेर वार्यु  हवे अलविदा.
वरराजा वस्ताभाई नु शब जोता गाम लोको ना हृदय ककळी उठया अने शोक मग्न चहरे केटलाक ध्रुशके ध्रुशके पोंक मुकी रडी पडता अडीखम उभेला मुलुबापू ऐ पोंक मुकी रडता लोको ने अटकावी वस्तो वीरगति नी वाटे गयो छे एना मारग कोई रुंधशो मा. राजपुत क्षत्रिय महियाओ रणयुद्ध खेलता वीरगति पामे एमा नवाई नथी.
मुलुबापू ना वेण सांभळता सौ अवाक बनी मींधोळ बंधा वस्ताभाई नु शब गाम मा लाव्या. अने आखीरात शब पासे घी ना दिवा ने अंजवाले रामनाम नी धुन करी बीजा दिवस नी सवारे प्रांशली गामने पादरे स्मशाने अंतिम विधि ना अग्नि प्रगटावी वस्ताभाई ना पंचभुति देह ने पंचतत्वी प्रकाश ज्वालामा समाव्या. अग्नि चिता ने प्रदक्षीणा करता बाबरीया महियाओना कुळ बारोट वस्ताभाई ने विदाई देता बिरदावे छे के,

#केशरिया_वाघा_ सजी, #मींढळीयो_गौ_वार_करे

#रोकणहारा_ कई_लोक, #पण_वस्तो_गौने_प्राण_धरे

लोकदंती वातो वगोले छे के, प्रांशली नी रखेवाळी करवा वस्ता बापू अने तेना मित्र वीरगति पामी नागरुपे प्रांशली मा ज रहे छे, गाम मा नाग नु ऐक स्थानक छे, तेमा बे नाग देवता श्रावण महिना मा बहार आवी फेण चडाव्या विना सुता रहे छे. कदी फुम्फाडा मारता नथी, बाळको नाग ना ऐंग पर हाथ फेरवता तेने रमाडे छे, कोई कहे छे, के वस्ता बापु नाग देवता ना दिधेला हता.

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