हीराजी महिया ( महिया भीष्म )

हीराजी महिया ( महिया भीष्म )

मुछ वांकी अंगे मरद
            तात राखणो तोंखार
मलक गोत्ये मले नहीं
            हीरा सायाणी अणसार

जुनागढना बाबी बहादुर खान नवाबने आरब जमादार मुखासननी केद माथी छोडाववा जता जुनागढ ना जगमाल चोक पासे रंगमहेलना मेदानमा आरब सिपाहीओ साथे युद्ध करता वीरगती पामेल जगा उर्फ डोसा सायाणी महिया दरबारनी शहादतना बदलामा बाबी नवाबे जगा-डोसा ना दिकरा खेता दरबार सायाणीने थानियाणा गाम आपेलु.

बाबी बहादुरखान नी पेढी बदलाई बांटवा माणावदर ना भागला पडता थानियाणा माणावदर ना शेख कमालुदीन ना आधीप्त्य मा सोपायेलू हतु. खेता दरबार सायाणी पछी तेना दिकरा पाला दरबार सायाणी निर्वश गुजरी जता थानियाणा गामनी अडधी जमीन गामतळ अने सीमतळ माणावदर ना कमालूदीने जूंटवी लेता जगा-डोसा ना भाई लाला सायाणी दरबार ना चोथी पेढीऐ थयेला वंश ज हीरा सायाणी दरबारे माणावदर ना तालुकदार कमालुदीन सामे ब्रिटिश सरकार ना काठियावाड नो हवालो संभाळता पोलिटिकल एजन्टनी एजन्सी काउंसिल मा फरियाद करी दाद मांगी. फरियाद तालुकदारी राज नी सामे होवाथी तुमारे चडी. हीरा सायाणी दरबारे पोतानो दश शांती ना गीरास अने गाम पाटी ना हक्को वकील राखी अपील करीने फरी दाद मांगी. आथी माणावदर ना तालुकदार कमालुदिन छंछेडाइ पडया अने धमकीओ आपी.

मुस्लिम राज्य नी धमकीथी डरीने वश थाय ऐ महिया राजपूत ना खमीर मा न होय उछळता वीरत्व क्षात्रत्व मा खेंखार बनीने जीवन जीवता महिया दरबारो डर भय ने ओळखे नही. हीरा सायाणी दरबारे धमकीओ ना जडबा तोड जवाबो धमकी ने फेंदता आप्या.

"अडग खडग खंजरे, कमरे बांधे भेंठ,
कोरटे लडे कायदा, हीरा न छोडे हठ."

पंदर पंदर वर्ष सुधी एजन्सी ना काउंसिल कोर्ट मा जता आवता अंग्रेज अफसरो ना सहाचार केळवी कणेरी ना विभा निर्वश अवसान पामता तेना गिरास तेमना कुटुम्बी भाईओने वारसदारो ठराविने वारसा हक्क मा आज कोरटे न्यायना चुकादा आपेल छे. एज प्रमाणे मिठापुर ना महिया दरबार अपुत्र अवसान पामता तेमना कुटुम्बी भाईओने मरनारना वारसदार ठरावी गीरास नी जमीन वारसा हक्क मा आपवाना ठराव करीने आज कोरटे न्याय ना जतन करेला छे. पोतानी याददास्त मा रहेला कोर्टना ठरावो अंग्रेज काउंसिलरो पासे रजु करी केस चलावता पोताना वकील मारफत दलीलो करावी माणावदर तालुकदार कमालुदीन ने कसुरवान साबित करावी पंदर वर्ष थी जप्त करेली पोतानी जमीननी उपज नो हिस्सों मेळवीने जम्प्या.
" कोरटना कानूनमा कईक फसाया अमीर,
वकीलातो करावी वीर, पन्दरे छोडाव्या "

पंदर वर्ष सुधी एजन्सी काउंसिल नी कोर्ट मा वकील मारफत वारसहक्क ने न्याय नो मुद्दो बनावी माणावदर ना तालुकदार कमालुदीन पासेथी पंदर वर्षनी जमीन उपज नो हिस्सो मेळवता तालुकदार ना थयेला पराजय थी राज ने झाखप लागी. लोकोमा महियानी वेठ कमालुदिने करी ऊपर थी कोर्ट दंड भर्यानी चर्चाओ चालता कमालुदीन छंछेडाया हीरा सायाणी दरबारने कोई पण रीते फसावी तेने केद करी पाठ भणाववा कावा दावा करी तेनी विरुद्ध खोटी फरियाद लखावी थानियाणा मा पोलिस गीस्त मोकली हीरा दरबार ने पकडी दोरडे बांधी थानियाणा नी बजार मा फेरवी माणावदर नी जेल मा पुरी साडा त्रण मण ऐटले सीतेर किलो वजननी तोष-सांकळ मा जकडी काळी कोटडी मा पुरी दिधा.

आंठेक दिवस बाद तालुकदार कमालुदीन हीरा दरबार ने नमाववा पोतानी माफी मंगाववा जेल ना भूतिया कोठा ना दरवाजे आवी, माफी मांगवानु फरमान करता मुक्त थवानी लालच आपी. कमालुदीन नो अवाज सांभळता हीरा महिया दरबार ना रुवाडा खडा थई गया. " हुं मलेच्छ नु मोढु जोवा मांगतो नथी " कहेता मोढु फेरवता हुबळ ना बे झांटके सांकळ ना मकोडा तोडी छुटा  पाडी फेंकी दिधा. मोढु फेरवता कमालुदीन ने पाठ भणावता कहयु " कमाल, महियाओना खमीर दगो आपता नथी, नहितर तारु जहन्नत अंहिज थाय, महियो मरद छे अने मरे छे मरदानगीथी ज ऐ छातीऐ घा जिले छे अने छाती पर ज प्रहार करे छे. महिया दरबारो पीठ पर कदी घा करता नथी खुदा पाक ना दरबार मा ऐने पण इन्साफ मेळववो पडे छे. एटले ज तेओ नेक दील राखे छे. तारी नापाक वृतीथी तारी बुद्धि नापाक बनी छे. हूं नापाक ना मोढा जोइने नापाक बनवा मांगतो नथी."

हीरा महिया दरबार नी जवां मर्दी जबान अने तेनी खुमारी मा नेकदील ना दीदार करता तेनी ताकात पर तालुकदार कमालुदीन ताज्जुब थयो. अने दील मा आफरीन थयो. आवा नेकदील जवानमर्द नी मित्रता राजने उपयोगी नीवडे मानी हीरा महियाने ऐज समये जेल माथी मुक्त करी पोताना दरबार मा लई जई सारु मानपान आपी सीरपाव आपी, कायमी मित्रतानो हाथ मिलावी राज्य ना वाहन मा अंग रक्षको साथे पूरा मान थी थानियाणा पंहोच्या. लोकदंती वातो वागोणे छे के हीरा सायाणी दरबारने जेल मुक्त करवा भगाडी जवा माटे गीगा महिया अने जशा महिया वेश पलटो करी माणावदर जेल मा आवी हीरा दरबार ने समजावता सायाणी महिया ऐ भागी जई छुटवानो साफ इन्कार करेलो हतो.
बणुका अने अटंकी नेकी वाणा हीरा महिया नी ताकात पर आफरीन थयेला कमालुदीन अवारनवार माणावदर आवता. हीरा महिया दरबार ने राजमहेल मा नीमंत्रण आपी सारेमान आपता. थोडा समय मा बन्ने वच्चे मिठा संबन्धो घनिष्ठ बन्या. हीरा महिया दरबार पण माणावदर राज्य ने वफादार रही राज्य ना सिमाडा मा लुंट करवा आवता खांट लूंटाराओ ने काढी मुकी माणावदर नी हद छांडी जवा चेतवणी आपेल होवाना समाचार कमालुदीन ने मळता पोते हीरा दरबार ने करेला अन्याय बदल पस्तावो थयो हतो.

सरदारगढ अने माणावदर सिमाडा आकारवामा वर्षो थया, वान्धा विवादनो केस एजन्सी नी कोर्ट मा केटलाक समय थी पेंडिंग पडतर पड्यो हतो. एजन्सी ना प्रांत साहेब ने सिमाडा केस ना नीकाल करवा अरज करता. तेओऐ सलाह आपी के घरमेणे बन्ने पक्षो कोई नेकदील सज्जने लवाद नीमी पतावट करी समाधान करवु बन्ने पक्षो ना हीत मा छे. कोर्ट मा केस चालसे तेमा कोई लागणी के सलाह सबंधो काम नही आवे. कोर्ट कायदा मुजब न्याय करी चुकादा-ठराव आपसे. बन्ने पक्ष नो समान न्याय मळी रहे एवा न्याय प्रिय सज्जन तरीके हीरा महिया दरबार ना नाम नु सुचन प्रांत साहेब तरफथी बन्ने पक्ष ने लवाद तरीके हीरा सायाणी दरबार मान्य थया. माणावदर तालुकदार अने सरदारगढ ना शेख साहेबे हीरा महिया दरबार ने लवाद बनवा आग्रह करता हीरा दरबारे प्रथम आनाकानी करता प्रान्त साहेबे करेला सुचनो मान्य करी लवाद बनवानु स्वीकार्यु.

हीरा बापुए माणावदर अने सरदारगढ ना जुना सीमतळ नक्शाओ लई सर्वेयर पासे जई जुना अने नवा सिमतळ नक्शाओ बतावता माणावदरे सरदारगढ नी जमीन मा दबाण करेलु. एज रीते सरदारगढे माणावदर नी सीम जमीन मा दबाण करी जमीन पोतानी सिमतळ मा भेळवी दिधेल होवानो ख्याल जुना अने नवा नक्शाओ पर थी मेळव्यो. बन्ने ना विवादी वांधाओ पण साम्भळया.

सरदारगढ ने वधु लाभ मळवा हीरा महिया दरबारने जमीन आपवानी लालच आपी मोटी रकम आपवाना प्रलोभन आपता नेकटेक ना अडग हीरा महिया दरबारे जवाब वाळयो के "दररोज रातनी उंघ आपीने दीनोनाथ  समज नी शान करे छे के तारी उंघ मा नथी तारो वैभव के नथी तारो संसार. उमर नी अवधी पूरी करीने एक दिवस सदाने माटे उन्घी जवानु छे त्यारे जमीन के जागीर अने संसार सदाने माटे छुटी जाय छे.

पोते अभण होवा छता हैया उकलते अनुभव थी पाकट बनेला. एटले जुना नक्शाओ मंगावी सर्वेयर ने साथै राखी जुना नक्शा प्रमाणे बन्ने राज्ये करेला एकबीजानि जमीन ना दबाणो दूर करी खाम्भा खोडवा सर्वेयर नी नीमणुक करतो न्याय आपता एजन्सी मा प्रांत साहेब ना विश्वासु प्रीतिपात्र बनेला हता.

हीरा महिया सायाणी ने करणाभाई अने भाणाभाई नामे बे दिकरा हता.मोटा करणाभाई तोफानी अने अटकचाणा हता गाममा तोफान के अटकचाणा करे तो पण गाम ना पाटीभागदार गरास अने दरबारो मा मोटु घर एटले हीरा बापु पासे कोई राव फरियाद करे नहीं हीरा दरबार नी सुवास थानीयाणा गाम नी आजुबाजु बार बार गाऊ नी बहार प्रसरेली जेवी लोक चाहना एवीज मर्दानगी नी छाप होवाथी थानियाणा चोर लूंटाराओ थी भय मुक्त हतु.

थानियाणा मा रुखड पटेल मातबर खोरडु गणातु. रुखड पटेल ना वच्चेट दिकरा नी वहु आणु वाळीने सासरे आवेल, अढार वर्ष नी उमरे जोबनियु छलकातु हतु. जुवानी ने ढांकती भातीगर मोटी चुंदडी, कापडा अने चणीया मा तारलिया चमकावता आभला ना भरत, पग मा काबी कडला कपाणे दामणु सेथा मा हीगणा ना सौभाग्य पुरी लचकती चाल गाम ने पादर कुवे पाणी भरवा गयेली एज समये हीरा सायाणी ना मोटा दिकरा करणाभाई नी नजर कुवा पर मंडाणी. आँख मा वासना ना झेर उभराया. कुवाने कांठे पाणी भरती नवोढा नु कांडू पकड्यु अने वेण वागोण्या
" आ जोबनीयु ढोणाइ ने करमाइ जासे, मारा जेवाने सूंघाडी ऐने खीलवा दे "

" फट मारा रोया " कहेती नवोढा आणीयात वहुऐ कांडू छोडावी बेडु कुवाने कांठे पडतु मुकी पेट सुधी घुमटो वाळती गाम मा दोडी गई. वगडो वेठी ने आवता गाम ना खेडूतो करणाभाई ना अडपला जोई हेबताई गया. अने अंतर मा अरेराटी करता गाम मा आवता वात ने वहेती मुकी. हवे तो थानियाणा मा रावण पेठा छे. गाम नी वहु दिकरीओ नी लाज आबरू लूंटाय तो एना रखवाणा परवारी गया. वाड चिभडा गळी जाय  एमा वेला नी वात क्या करवी ?
थानियाणा ना चोरे कसुम्बा पिता डायरा मा हीरा महिया भेंठ वाळी बेठा हता. चोरा मा डायरो भरायेलो जोई नवोढा गंगा वहु लांबो घुमटो ताणी डायरा मा आवी उभा रेता कोइए टहुको कर्यो " हीरा बापु आ रुखड पटेल ना दिकरा ना आणीयात वहु पगे लागवा आव्या छे "
हीरा बापु ऐ होको गडगडावता कह्यु के, " हुंज रुखड पटेल ना घेर जाऊ, वहु दिकरा ने डायरे मोकली धको खवराव्यो "

गंगा वहु ऐ लाज काढी जवाब वाण्यो के बापु गाम धणी परजाना रखवाणा करे इ परजाना बाप कहेवाय, परजा ना बाप परजा नी वहु दिकरीयु ना धणी थाशे तो धरती रंसाताल जासे. बाप उठीने वहू दिकरी उपर कुडी नजर करी अडपला करे इ सुरज दादा नही सांखे, बापु कुंवर ने परणावी अमारा राणीबा लावी दीयो, एटले कुंवर जी गाम नी वहु दिकरियु उपर हिणी नजरू न नोंधे.

गाम माथी प्रजानो ककणाट सांभळी बारोट जी चोरा पर डायरा मा आवता ज दुहो फटकार्यो " दी उठाडे दीकरा का वहु ने का वरा " डायरा माथी कोइए बारोट जी ने सवणो अर्थ कहेता कहयु के " दिवाणे इ दीकरा का धोरी ने का धरा.
बारोटजी ए पूछतल नु वेण पकडीने जवाब वाळयो. दीकरो कपातर पाके इ बापनु नाम न उजाणे एतो दीवा वासे अंधारा ज उतारे. आज गाम मा काणो ककणाट सांभळता कान माथी कीडा खरी पडता मन नो भार हळवो करवा डायरा मा आवी गामनो ककणाट ठालवु ने हैयु हळवु करूतो.

" क्षत्रिय धरम झाँखा पडया
                  करणे लजाव्या कुळ
धरम धरा पर ओसरे
               महिया कीर्तिमणे धुळ "
एज टाणे रुखड पटेल चोरा उपर भरायेला डायरा मा आवी दिकरी वहुने डायरा वच्चे जोता आँखे चक्कर वक्कर आववा लाग्या. आबरूदाने पटेल वहु डायरा मा उभी वातो करे ऐ पटेल ने हीणप देखाता वहुने घेर मोकलता ठपको आप्यो के, वहु दिकरा नफटाईये आज हदवणोटी मोटा मावतर ना छोरू भर डायरा मा मावतर नी आबरु उघाडी न करे, बनवा काळ चोघडीये कागडो ककणाट करी गयो. थयु न थयु न थाय हरपत राखी घेर जाव. कहीने दिकरानी वहुने घेर वणावी.

रुखड पटेल तमारा दिकरानी वहुनी लाज कोणे लुंटी ? हीरा सायाणी दरबारे प्रश्न कर्यो.
बापु थनारु थय गयु हवे होनी अनहोनी नही थाय. रुखड पटेले दरबार ने शांत पाडता कह्यु.
रुखड पटेल ना वेण सांभळता हीरा बापु नो क्रोधाग्नि भभुकी उठ्यो. धगेला त्राम्बा जेवो चहेरो लालचोळ थयो.
"पटेल, हीरा महिया नी पाटीनी प्रजा महिराज नी छाँया मा छे. महिया पाटीना गुन्हेगार शिक्षा ने बदले थनारु थई गयु, मानी माफ़ करीये तो महिया ना रखवाणा लाजे"
"बापु तमे तो देवाताई राजा छो, तमारी पाटी नी प्रजा नी वहु दिकरियु तमारा रखवाणा नी छाया मा छे तमारा रखवाणा होय त्या वहु दिकरीयु निये लाज न लुंटाय बापु" कहेता रुखड पटेल हीरा सायाणी दरबार ने टाढा पाडवा प्रयास करे छे.

"पटेल वात ने चोणो मा जे बन्यु ऐ वात करो , मारा क्षत्रिय कुळ ना दाग ने ढांको मा. आ हीरा दरबारनो डायरो ए छे, इज ऐनो दरबार - राजसभा छे महिया माटी पगा नथी जनमता, महिया मरद छे, मर्दानगी थी जीवे छे अने मर्दानगी थी वीरगती पामता पाळीया बनीने पूजाय छे  रुखड पटेल महियाने टिम्बे गुनो करे अने महिया दरबार तेने सजा न करे तो महिया दरबारो ना बेसाणा लाजे. वात ना वतेसर करो मा हैयामा भरेली वातने हैया ना कमाड उघाडीने निर्भय पणे कही दयों"

हीरा महियाए वात नो ताग मेळववा म्यानमाथी तलवार काढी पोतानी गरदन पर धरी रुखड पटेल ने बनेल वात कही देवा जणाव्यु.

डायरो श्तब्ध बनी गयो.
" रुखड बन्यु होय इ भणी नाख्य"
डायरा माथी अवाजो उठया.
"बापु तलवार ने म्यान करो पछी कही दव छु"

रुखड पटेल ना वेणे तलवार म्यान थई अने रुखड पटेले खुलासो कर्यो.

वहुनी लाज कोईये लूँटी नथी पण जुवानी ना तोर मा करणाबापुऐ कुवे पाणी भरती वहुने जरा अडपलु कर्यु हशे, बापु करणा भाई नी छोकरमत उपर तम जेवा वडाने वीकार न होय. इ वात भूली जाय बीजी वात करो.

"पटेल, पग मा सडो पडे एने ढांकीये तो अंग आखु सडी जाय, महिया कुळ ने काणो डाघ लगाडनार दिकरा नही ऐने कपातर कपूत ज कहेवाय. बारोटजी देवी पुतर देव गणाय एनी जिभे सरस्वती ना वास होय एटले ज ऐ अगमना इंद्बाण आपे"

कहेता हीरा बापु डायरा ने राम राम करी उठया. डायरो दरबार ना अणसार कळी जता कई न थवानु न थाय तो ठाकरमाराज नो पाड कहेता सौ उठ्या अने डायरो विखरायो.

हीरा सायाणी दरबार घेर पहोच्या अने महियाणी ने सीधो प्रश्न कर्यो, करणो क्या छे ? ऊंची भकूटी चडेला लाल चहेरा मा आवेल पतीदेव ना स्वभाव पारखू महियाणी पारखी गई. करणे कईक तोफान कर्या हशे मानी टुंको जवाब वाळयो के, होकानी कोलसी पाडवा बावळ ना छोड़ा लेवा ठांसली खेतरे काइट मा  गयो हशे.

घोडा पीठे पलाण चडावी हीरा दरबार ठांसली ने खेतरे आव्या. अने नजर नोंधी वीजफाडीया वोंकणा ने कांठे एक बाजु वळी गयेला बावळ ना बेलाखीया नी वच्चे करणो बेठो बेठो पग डोडावे छे हीरा सायाणी बे घडी थम्भी गया. पेट सुधी लाज काढीने डायरा मा उभेली गाम नी वहु आँख नी कीकी सामे तरवळवा लागी. गाम धणी तो मरजाना बाप केवाय सूरज माराज शुं साँखसे. वहु नी कळकळती आंतरडी ना वेण भणकारा देवा लाग्या. कान मा तमरो बोली उठी. ते मनोमन बबडया गामनी वहु दिकरीयु उपर हीरा महिया ना दीकरा करडी नजरे करे ? ए महिया नु खमीर न होय अंगे अंगमा क्रोधाग्नी नी ज्वालाओ प्रगटी ऐ ज्वालाओ ऐ हीरा सायाणी दरबार नी शानभान बाळी नाखी,हुं शुं करू छू ?शुं करवू छे ऐनी भान नथी. हीरा सायाणी दरबार ना पगोऐ दोट मुकी. अचानक बापु दोट मूकता आवता देखी करणा सायाणी हेब्ताई गया.
प्रजानी वहु दिकरियु उपर करडी नजर करनार दीकरो नही दुश्मन छे. कुळ नु कलंक छे. सात सात पेढीने नरक मा नाखनार आ पित्रद्रोही राजवीने ने राज करवानो हक्क नथी. मनोमन बबडता हीरा सायाणी नी तलवार ऐक ज क्षण मा म्यान छोडी बहार नीकळता नी साथे ज करणा भाई नी गरदन पर उतरी अने एक ज झांटके चाकडा परथी माटीपिंड उतरे तेम धड परथी माथु उतरी धरती ढणी पड्यु. हीरा दरबार नो क्रोध उतर्यो.प्रजा फरज ने पूरी करी हीरा दरबारे भेंठ छोडी करणाभाई ना शब ने कफन ओढाड्यू. करणा तू अकर्मी थ्यो ऐनु आ फळ तेज भोगव्यु. शब ने शिखामण देता हीरा दरबारे पुत्र नी मरण पाक मुकी. माथे थी पाघ उतारी माथा पर ढांकी घोडा ने दोरता लोकी करता गाम मा आव्या. अने घेर जइ दिकरा करणा ना नाम लई पोंक मुकी, मो वाळी पितानी फरज बजावी. करणा दरबार ना जीवन अस्ताचणे सूरजमाराज पण असताचळ मा डूबी गया.
हीरा दरबार नी डेलीऐ रोककळ सांभणी महिया दरबारों अने गाम ना पटेलो भेगा थया. करणा भाई ना मृत्यु ना समाचार सांभणी गाम ना पटेलो अवाक बनी गया. मनोमन हीरा महिया दरबारनी नेक टेक अने अटंकी पणु जोई तेने देव नो अवतार मानवा लाग्या. महिया दरबारों छोभीला बनी मनोमन महिया मुखी हीरा दरबार पर आक्रोध वरसावता करणा भाई नु शब लेवा ठांसली खेतर ना वोकणे गया.

बीजा दिवसनी सवारे करणाभाई नी स्मशान यात्रा मा थानियाणा गामनी प्रजा डाघुओ बनीने उमटी पडी. कोई हीरा महिया दरबार नी नेकटेक ने बिरदावे छे, तो कोई सगा दिकरा ने मारी नाखनार हीरा महिया नी कृपणता पर मनोमन फीटकार वर्सावे छे. रुखड पटेल माथु कूटता पोतानी जातने फीटकार आपता मळसीया गातो रोककळ करता अनेक ना हैया द्रविता करी हचमचावे छे. महिया दरबारों ना मुखी हीरा दरबार विधाता ना लेखनो आशरो लई रुखड पटेल ने हैया धारणा आपता आश्वासन आपे छे.
थानीयाणा गाम करणा दरबार ना शोक मा डुबी गयु. उतर क्रिया करता थानियाणा गाम आखु धुवाडा बंध जम्यु अने सोळमा दिवसे करणाभाई ना अवसान नो शोक उतार्यों. हीरा महिया दरबार नी जवांमर्दि भर्या जीवन मा नेकटेक मा अटंकी रहेता तेनी वृद्ध वस्था ऐ पण वीरत्व भर्या खुमारी मा रहेता महिया राजपूत क्षत्रिय समाज मा महिया भीष्म नामे ओळखाता.

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